सवाई माधोपुर जिले में जल प्रबंधन और सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रशासन ने 36 छोटे बांधों को जल संसाधन विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है। यह पहल किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ जल संचयन व्यवस्था को अधिक कुशल और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
बेहतर मॉनिटरिंग और जल प्रबंधन
अब तक ये 36 छोटे बांध पंचायत समिति के अंतर्गत आते थे, जिससे इनके रखरखाव और जल वितरण में विभिन्न प्रकार की चुनौतियाँ सामने आती थीं। जल संसाधन विभाग को इनका हस्तांतरण करने से न केवल बेहतर मॉनिटरिंग होगी, बल्कि किसानों को जल आपूर्ति की प्रक्रिया में भी सुधार देखने को मिलेगा।
18 बांध पहले ही जल संसाधन विभाग के अधीन
सवाई माधोपुर जिले में 18 बांध पहले से ही जल संसाधन विभाग के अंतर्गत आते हैं, जिनमें कुशाली दर्रा, रामेश्वर, मोरया, खेरली, मासूवाला, गुढ़ा, श्यामपुर, सूरवाल, रानीपुरा, रतनपुरा, छान, साखोरा, नई तालाब, तिलांवा, रतनपुर, गुढ़ा नंदपुरा, राजोरगढ़ और कचोरा शामिल हैं।
80 हेक्टेयर से कम क्षमता वाले बांध
ऐसे 19 छोटे बांध हैं जिनकी जल संग्रहण क्षमता 80 हेक्टेयर से कम है, इनमें आलोद, कूंथखुशालगढ़, टोंक, फिशरपुरा, भौरी, गोपालपुरा, दांत, नीमोली, चवली, खारदा, गुढ़ा, भैरूपुरा, भूरा, सूरवाल, गुड़ा, बाड़, गुढ़ा लालसोट, राजोर, और गुढ़ा शिवदासपुरा शामिल हैं।
80 से 300 हेक्टेयर जल संग्रहण क्षमता वाले बांध
इसके अतिरिक्त, जिले में कुछ मध्यम आकार के बांध हैं जिनकी जल संग्रहण क्षमता 80 से 300 हेक्टेयर के बीच है। इनमें गंगापुर सिटी में मौजूद बांध जैसे सिरस, गोपालपुरा, बोंदरदा, महू, गालवा और राजौरगढ़ शामिल हैं।
कृषि और सिंचाई को मिलेगा लाभ
इस पहल से जिले के हजारों किसानों को सिंचाई के लिए सुचारू रूप से पानी उपलब्ध हो सकेगा। जल संसाधन विभाग के अधीन आने के बाद इन बांधों का रखरखाव बेहतर ढंग से किया जाएगा और जल वितरण प्रणाली को अधिक व्यवस्थित बनाया जाएगा।
सवाई माधोपुर प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय जल संरक्षण और सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए एक अहम कदम है। इससे न केवल जल संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित होगा, बल्कि कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
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