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AI से बनी हमले की प्रतीकात्मक झलक |
सवाई माधोपुर जिले के प्रसिद्ध रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। त्रिनेत्र गणेश मंदिर से दर्शन कर लौट रहे एक परिवार पर अचानक एक बाघ ने हमला कर दिया, जिसमें 7 वर्षीय बालक की जान चली गई। यह घटना अमराई वन क्षेत्र में हुई, जहाँ टाइगर के अचानक प्रकट होने से अफरा-तफरी मच गई।
जंगल से निकलकर अचानक किया हमला
मृतक बालक की पहचान कार्तिक सुमन (7 वर्ष), पुत्र द्वारका माली, निवासी गोहटा थाना देई खेड़ा (बूंदी) के रूप में हुई है। कार्तिक अपनी दादी, चाचा और गांव के अन्य दो लोगों के साथ सुबह त्रिनेत्र गणेश मंदिर के दर्शन के लिए आया था। दर्शन के बाद लौटते समय चढ़ाई के रास्ते पर अचानक एक टाइगर झाड़ियों से निकलकर आया और भीड़ के बीच से कार्तिक को जबड़े में दबोचकर जंगल की ओर भाग गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई भयावह झलक
घटना के प्रत्यक्षदर्शी रामसिंह गुर्जर ने बताया कि वह दोपहर 3 बजे के करीब मंदिर से दर्शन करके लौट रहे थे। तभी उनके सामने ही एक महिला अपने पोते के साथ चल रही थी और उसी वक्त जंगल से एक बाघ बाहर आया। टाइगर ने कार्तिक को सीधे मुंह में दबोच लिया और काफी देर तक जंगल में उसकी गर्दन पर पंजा रखकर बैठा रहा। लोगों ने शोर मचाकर बचाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
वन विभाग ने तत्काल बंद किए सभी रास्ते
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। त्रिनेत्र गणेश मंदिर और रणथंभौर किले तक जाने वाले सभी पैदल रास्तों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि बाघ के मूवमेंट की जानकारी पहले से थी और संभवत: यह हमला टाइगर टी-120 द्वारा किया गया है, जो पिछले दो दिनों से उस क्षेत्र में सक्रिय था।
शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा
वनकर्मियों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद बाघ को क्षेत्र से खदेड़ा और बच्चे के शव को बरामद कर जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया गया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
श्रद्धालुओं की आवाजाही पर अस्थायी रोक
मुख्य वन संरक्षक के अनुसार, आने वाले पांच दिनों तक रणथंभौर किले और त्रिनेत्र गणेश मंदिर की ओर पैदल जाने पर रोक लगा दी गई है। सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मंदिर ट्रस्ट की ओर से आर्थिक सहायता
इस दुखद घटना के बाद रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर ट्रस्ट की ओर से मृतक बच्चे के परिवार को ₹1.50 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। ट्रस्ट के प्रधान सेवक ने जिला अस्पताल पहुँचकर पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया और सहायता राशि सौंपी।
रणथंभौर जैसे पर्यटन स्थलों पर वन्यजीवों की मौजूदगी को गंभीरता से समझना जरूरी है। यह घटना न सिर्फ एक मासूम की जान जाने का दुखद उदाहरण है, बल्कि प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों के लिए सतर्कता का संकेत भी है।