नए नियमों की मुख्य बातें:
जोन 2, 3 और 4 में सफारी के दौरान अब पर्यटक वाहन पहले से निर्धारित रूट पर ही चलेंगे और बीच में यू-टर्न नहीं ले सकेंगे।
सफारी की शुरुआत के बाद वाहन केवल उसी दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे, पीछे नहीं लौट सकेंगे।वाहन चालकों की मनमानी पर भी अब रोक लगेगी। निर्देशों का उल्लंघन करने पर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
बाघों के लिए राहत भरी खबर
वन विभाग के अनुसार, पर्यटक वाहनों के मनमाने यू-टर्न लेने से बाघों की गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न होता है। कई बार बाघों को पर्यटकों की भीड़ के कारण रास्ता बदलना पड़ता है, जिससे उनके व्यवहार पर असर पड़ता है। यह कदम बाघों को प्राकृतिक वातावरण देने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
तालाबों के पास नहीं जा सकेंगे वाहन
अब रणथंभौर के प्रमुख जल स्त्रोत जैसे राजबाग, पदम तालाब, मलिक तालाब आदि के पास भी पर्यटक वाहन नहीं जा पाएंगे। ये स्थान बाघों की शांति और आराम के लिए महत्वपूर्ण हैं, और वहां भीड़ से उनका स्वाभाविक जीवन प्रभावित हो सकता है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश पर्यटकों की भीड़ को नियंत्रित करने और बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। साथ ही, इससे सफारी अधिक सुव्यवस्थित और नियंत्रित ढंग से संचालित की जा सकेगी।
विशेषज्ञों की राय:
प्रमोद कुमार धाकड़ (उपवन संरक्षक, रणथंभौर) का कहना है:
“पर्यटकों की बढ़ती भीड़ और बाघों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इससे पर्यटन को भी फायदा होगा और वन्यजीवों की निजता भी बनी रहेगी।”
हरिओम शर्मा (अधिवक्ता):
“वाहन चालकों की मनमानी और नियमों की अनदेखी पर नियंत्रण आवश्यक है। नए आदेशों से अनुशासन बढ़ेगा।”
रणथंभौर नेशनल पार्क में नियमों का यह बदलाव बाघों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से एक सराहनीय कदम है। यह पर्यटकों के लिए भी एक नई और अधिक व्यवस्थित सफारी अनुभव का अवसर प्रदान करेगा। वन्यजीवों की शांति और उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है, और ऐसे नियम हमें उसी दिशा में प्रेरित करते हैं।